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चाइना परेशान बुढ़ापे से

चाइना में बुढ़ापा बना एक बड़ी समस्या
चीनी वैज्ञानिकों ने उम्र बढ़ने का पहला आनुवंशिक कारण खोज निकाला है। सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार इस खोज से मनुष्यों में बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने की राह में मदद मिलेगी। 

चाइना डेली की खबर के अनुसार वैज्ञानिक ने एक कीड़े पर अध्ययन के बाद एक निश्चित न्यूरोपेपटाइड कोडिंग जीन और उसके संग्राहक जीन के संयोजन के बारे में जानकारी हासिल की। ये संयोजन ‘लंबी उम्र संबंधी जीन’ के तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है। ये जीन ही बढ़ती उम्र के प्रभाग को नियंत्रित करता है। 

चीनी एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस के दल के प्रमुख शोधकर्ता काई शिकिंग ने कहा कि यदि हम भविष्य में इन जीन्स संबंधी शोध को लेकर आगे बढ़ते हैं तो मनुष्य के स्वस्थ जीवन का विस्तार हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार कोडिंग जीन का अधिक सक्रिय होना और संग्राहक जीन का मजबूत होने के कारण ही मनुष्य में बढ़ती उम्र के प्रभाव तेजी से बढ़ते हैं। 

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पांच साल के अधिक समय तक हुआ यह शोध बृहस्पतिवार को जर्नल नेचर नें प्रकाशित हुआ। शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह वैश्विक जनसंख्या की औसत उम्र तेजी से बढ़ रही है ऐसे में बढ़ती उम्र की दर के आनुवंशिक रहस्य को खोजना बहुत महत्वपूर्ण है। बढ़ती उम्र के कारण ही कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों का बड़ा खतरा है। 

मशरूम से बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में मिलेगी मदद

 मशरूम को भोजन में शामिल करने से बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। एक शोध में यह दावा किया गया है।  अमेरिका के पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉबर्ट बीलमैन का कहना है कि मशरूम में अधिक मात्रा में एर्गोथियोनीन और ग्लूटाथियोन एंटी ऑक्सीडेंट होता है। ये दोनों एंटी ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने और बेहतर स्वास्थ्य में मददगार होते हैं।

रॉबर्ट का कहना है कि शरीर भोजन का प्रयोग ऊर्जा के लिए करता है तब इस प्रक्रिया में कुछ मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी होता है। मुक्त कण,  बिना समूह वाले इलेक्ट्रॉन के साथ ऑक्सीजन के अणु होते हैं। ये अत्यधिक क्रियाशील अणु होने के कारण कोशिकाओं, प्रोटीन और यहां तक की डीएनए को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में मशरूम में मौजूद एंटी ऑक्सीडेट की मदद से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचा जा सकता है। यह शोध जर्नल फूड कैमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है।
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