रिलायंस जियो की सफलता का राज
रिलायंस जियो ने वह तरीका अपनाया जोकि,
किसी भी टेलीकॉम कंपनी ने नहीं अपनाया है सभी कंपनी
केवल कॉलिंग से पैसा कमाने की सोच रही थी परंतु
जियो ने यह जान गया था कि असली कमाई तो डाटा में है
और जहां सभी कंपनी अपने 2G 3G को संभालने में लगी थी वही जियो नेट डायरेक्ट 4जी डाटा के साथ बाजार में उतरे
ताकि उनका केवल 4जी ग्राहकों पर बना रहे!
रिलायंस जिओ की सफलता को देखकर सभी हैरान हैं और इसने कितनी सफलता हासिल की है ये आप भी बखूबी जानते हैं। टीम जिओ ने 170 दिन में ही 100 मिलियन ग्राहक जोड़ने का टारगेट पूरा किया और हर दिन जिओ से प्रति सेकंड 7 ग्राहक जुड़े। जिओ के लॉन्च से पहले ये माना गया था कि VoLTE दुनिया में असफल टेक्नोलॉजी है लेकिन इस सोच को भी जिओ ने ग़लत साबित कर दिया !
जिओ यूजर्स हर दिन 250 करोड़ मिनट कॉल करते हैं। इतना ही नहीं, मुकेश अम्बानी के इस जिओ लॉन्च ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में तहलका ला दिया क्योंकि इसके लॉन्च के 6 महीने बाद ही भारत में डेटा का इस्तेमाल हर महीने 20 करोड़ GB से बढ़कर, एक महीने में 120 करोड़ GB हो गया और इसके चलते भारत ने डेटा उपभोग में चीन और अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया।
मार्च में जब जियो ने फ्री सब्सक्राइबर्स की बड़ी संख्या को पेड सब्सक्राइबर्स में बदल दिया तो आलोचक भी हैरान रह गए और खुद मुकेश अम्बानी के अनुसार – आज 100 मिलियन से भी ज़्यादा ग्राहक पेड हैं और काफी लोग 309 रुपये वाले प्लान का इस्तेमाल कर रहे हैं।
रिलायंस जिओ की सफलता के पीछे मुकेश अम्बानी की एकदम नयी और अलग सोच है। उन्होंने वॉइस कॉलिंग के कॉम्पिटिशन का हिस्सा बनने की बजाये डेटा इंटरनेट के फ्यूचर पर गौर किया और भीड़ में शामिल होने की बजाए, यूजर्स की डेटा से जुड़ी जरुरत पर फोकस किया। नई टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की फास्ट स्पीड देकर जिओ ने बहुत आसानी से लोगों को खुद से जोड़ लिया।
इस तरह मुकेश अम्बानी के रिलायंस जिओ की सफलता के पीछे उनके ये ऐतिहासिक कदम रहे हैं –
1. नयी और भीड़ से अलग सोच
2. मार्केट की जरुरत का बारीकी से अवलोकन
3. मार्केट के कॉम्पिटिशन को समझना
4. डेटा के फ्यूचर को समय से पहले देख पाना
5. यूजर्स की जरुरत के अनुसार डेटा प्लान बनाना
6. लोगों की पहुँच तक इंटरनेट को पहुँचाना ताकि लोग अपनेआप जुड़ते चले जाएँ
2. मार्केट की जरुरत का बारीकी से अवलोकन
3. मार्केट के कॉम्पिटिशन को समझना
4. डेटा के फ्यूचर को समय से पहले देख पाना
5. यूजर्स की जरुरत के अनुसार डेटा प्लान बनाना
6. लोगों की पहुँच तक इंटरनेट को पहुँचाना ताकि लोग अपनेआप जुड़ते चले जाएँ
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