AMU यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर का क्या विवाद है
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अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में सबसे बड़ा विवाद जिन्ना की तस्वीर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में लगाई क्यों गई है परंतु सोचने की बात है कि वहां पर जिन्ना की तस्वीर आई कहां से है !
जिला की तस्वीर यूनिवर्सिटी में आई कहां से
यह बात जब की है जिस समय देश आजाद नहीं हुआ था देश के विभाजन की बात भी सामने नहीं आई थी सन 1929 मैं जब यूनिवर्सिटी किसी भी विशेष व्यक्ति को बुलाकर उन्हें आजीवन सदस्यता दी जाती है ठीक उसी तरह मोहम्मद बिन जिन्ना को भी बुलाया गया और उसे आजीवन सदस्यता दी गई तभी से जिन्ना की तस्वीर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में लगाई गई थी उसके बाद देश आजाद हुआ देश का विभाजन हुआ परंतु जिन्ना की तस्वीर को वहां से नहीं हटाया गया
विवाद का कारण
जब बीजेपी विधायक यूनिवर्सिटी में गए तो उन्हें पता चला कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगाई गई है उसके कुछ दिनों बाद बीजेपी विधायक ने एक सूचना पत्र यूनिवर्सिटी को दिया जिसमें यह लिखा गया था कि आपके यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को क्यों लगाया गया है और किस कारण से लगाई गई है उसके कुछ दिनों बाद हिंदू नव वाहिनी को यह पता चला कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगाई गई है तो उन्होंने प्रदर्शन किया वह यूनिवर्सिटी के बाहर जिन्ना का पुतला भी जलाया इस सब से नाराज यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया तथा यह विवाद सामने आया
आसपास के लोगों का मत
यूनिवर्सिटी के आसपास रहने वाले लोगों का यह कहना है कि जिन्ना पाकिस्तान का नहीं बल्कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का है तथा इसमें कई देश विरोधी गतिविधियां होती रहती है तथा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के समर्थन में कई कार्यक्रम भी किए जाते हैं तथा देश विरोध में कई नारे कार्यक्रम भी किए जाते हैं तथा लोगों का कहना है कि विद्यार्थी पढ़ाई से ज्यादा देश विरोधी गतिविधि होती है
2. यूनिवर्सिटी इतने साल से जो गलती करती आई वह अब भी करना चाहती है क्या
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अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में सबसे बड़ा विवाद जिन्ना की तस्वीर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में लगाई क्यों गई है परंतु सोचने की बात है कि वहां पर जिन्ना की तस्वीर आई कहां से है !
जिला की तस्वीर यूनिवर्सिटी में आई कहां से
यह बात जब की है जिस समय देश आजाद नहीं हुआ था देश के विभाजन की बात भी सामने नहीं आई थी सन 1929 मैं जब यूनिवर्सिटी किसी भी विशेष व्यक्ति को बुलाकर उन्हें आजीवन सदस्यता दी जाती है ठीक उसी तरह मोहम्मद बिन जिन्ना को भी बुलाया गया और उसे आजीवन सदस्यता दी गई तभी से जिन्ना की तस्वीर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में लगाई गई थी उसके बाद देश आजाद हुआ देश का विभाजन हुआ परंतु जिन्ना की तस्वीर को वहां से नहीं हटाया गया
विवाद का कारण
जब बीजेपी विधायक यूनिवर्सिटी में गए तो उन्हें पता चला कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगाई गई है उसके कुछ दिनों बाद बीजेपी विधायक ने एक सूचना पत्र यूनिवर्सिटी को दिया जिसमें यह लिखा गया था कि आपके यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को क्यों लगाया गया है और किस कारण से लगाई गई है उसके कुछ दिनों बाद हिंदू नव वाहिनी को यह पता चला कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगाई गई है तो उन्होंने प्रदर्शन किया वह यूनिवर्सिटी के बाहर जिन्ना का पुतला भी जलाया इस सब से नाराज यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया तथा यह विवाद सामने आया
आसपास के लोगों का मत
यूनिवर्सिटी के आसपास रहने वाले लोगों का यह कहना है कि जिन्ना पाकिस्तान का नहीं बल्कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का है तथा इसमें कई देश विरोधी गतिविधियां होती रहती है तथा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के समर्थन में कई कार्यक्रम भी किए जाते हैं तथा देश विरोध में कई नारे कार्यक्रम भी किए जाते हैं तथा लोगों का कहना है कि विद्यार्थी पढ़ाई से ज्यादा देश विरोधी गतिविधि होती है
लोगों का कहना