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राष्ट्रपति भाषण | Rastpti spice

राष्ट्रपति

मैं राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बोलने आया हूं।  
- देशभक्ति में देश के सारे लोगों का योगदान है।
बावजूद 130 करोड़ की पहचान भारतीय।  
- सिर्फ एक धर्म, एक भाषा भारत की पहचान नहीं है।  
- हिंसा और गुस्सा छोड़कर हम शांति के रास्ते पर चलें । 
- आज गुस्सा बढ़ रहा है, हर दिन हिंसा की खबर आ रही है। 
- आर्थिक प्रगति के बाद भी हैप्पीनेस में हम पिछड़े  हिंदू, मुसलमान, सिख मिलकर ही राष्ट्र बनाते हैं। 
- संविधान से राष्ट्रवाद की भावना बहती है।  
- राष्ट्रवाद को किसी धर्म,  भाषा, और जाति से बांधा नहीं जा सकता।  
- विविधता और टॉलरेंस में ही भारत बसता है।  
- 50 साल में मैनें यही सीखा है।  
- भारत में 7 धर्म, 122 भाषाएं, 600 बोलियां इसके बावजूद 130 करोड़ की पहचान भारतीय।  
- सिर्फ एक धर्म, एक भाषा भारत की पहचान नहीं है।  
- हिंसा और गुस्सा छोड़कर हम शांति के रास्ते पर चलें । 
- आज गुस्सा बढ़ रहा है, हर दिन हिंसा की खबर आ रही है। 
- आर्थिक प्रगति के बाद भी हैप्पीनेस में हम पिछड़े 

देशभक्ति का मतलब देश के प्रति आस्था है। 
1. भारत में आने वाले सभी लोग इसके प्रभाव में आए।  
2.  मैं भारत के बारे में बात करने आया हूं।  
3. हिन्दुस्तान एक स्वतंत्र समाज है।  
4. सबने कहा है कि हिन्दु धर्म एक उदार धर्म है ।
5. राष्ट्रवाद किसी भी देश की पहचान ।
6. भारत के दरवाजे सबके लिए खुले हैं ।
7. भारतीय राष्ट्रवाद में एक वैश्विक भावना रही है। 
8. हम एकता की ताकत को समझते हैँ ।
9. विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। 
10. हम एकता की ताकत को समझते हैं ।
11. सहिष्णुता हमारी सबसे बड़ी पहचान है। 
12. 1800 साल तकक भारत दुनिया में शिक्षा का केंद्र रहा।  
13. इसी साल चाणक्य ने अर्थशास्त्र की रचना की । 
14. कई शासकों के राज के बाद हमारी संस्कृति सुरक्षित रही ।  
15. अगर हम भेदभाव, नफरत करें तो पहचान को खतरा है। हिंदू, मुसलमान, सिख मिलकर ही राष्ट्र बनाते हैं। 
16. संविधान से राष्ट्रवाद की भावना बहती है।  
17. राष्ट्रवाद को किसी धर्म,  भाषा, और जाति से बांधा नहीं जा सकता।  विविधता और टॉलरेंस में ही भारत बसता है।  
18. 50 साल में मैनें यही सीखा है।  
19. भारत में 7 धर्म, 122 भाषाएं, 600 बोलियां इसके 
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